1. वनों का आकर्षण : वनों ने हमेशा मानव कल्पना को क्यों आकर्षित किया है 2. भूमिगत नेटवर्क: माइकोरिज़ल नेटवर्क : कवक वृक्षों की जड़ों के साथ सहजीवी संबंध कैसे बनाते हैं, 3. निष्कर्ष: कार्रवाई का आह्वान : वनों के चमत्कारों और महत्व का सारांश दें। पाठकों को वनों के प्रति अपनी प्रशंसा को गहरा करने और संरक्षण प्रयासों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित
Tuesday, 14 April 2020
वृक्ष की उपसना
गीतकार ने इस संसार को ही अश्रवरतथ वृक्ष की उपमा दी है वेंदो को इस वृक्ष के पतते माना हैं पततों से जिस तरह वृक्ष शोभा देता हैं उसी तरह सचचा वेद-ज्ञान संसार को शोभा देता है |
अंग्रेज कवि शेकस पियर भी निसरग-शिक्षा की महिमा गातें हुए कहता है
Tongues in tree
Books in running broker's
Sermons in stones and Good in every thing.
दूसरे एक संदरभ में भी वह लोगो को निसरग के सानिधय में आने का निमंत्रण देता है |
Under the Green wood tree
Who loves to lie with me
And turn his merry note
Unto the sweet birds throat
Come hither , Come hither , Come hither
Here shall he see
No enemy,
But winter and rough weather.
आतमयौपमय वृतित से पूवरजों ने वृक्ष-वनसपति पर प्रेम किया है अपना सहोदर मानकर सनेह सें उनका सिंचन किया है शिव जी ने जिसे पुत्रवत् माना है एेसे देवगुरु वृक्ष को पारवती ने सवयम जल-सिंचन करके पाला था ,उसका अति रमणीय वणरन कालिदास ने रघुवंश में किया है,
अमुं पुर : परयसि देवदारूं पुत्रीकृतोउसौ वृषभधवजेन |
यो हेम कुमभसतननि: सृतानां सकनदसय मातु: पयसां रसज्ञः ||
महरसि वरतनतु का शिसय कौतस जब राजरसि
रघु के पास आता है तब रघु राजा उसें
आश्रम के वृक्षों की भी कशलक्षेम पुछतें हैं
आधार बनध प्रमुखैः प्रयतनैः संवधितानां सुतनिविरशेषम|
कचिचनन वाधवदिरूपपलवों वः श्रमचिछदामा श्रमवादपानाम||
आश्रम के वे वृक्ष जिनहे तुमने पुत्र की तरह यतन से पाला है जिनसे पाथिकों को छाया मिलती है उन वृक्षों को आँधी या तूफान आदि उपद्रवों से हानि तो नही हुई न ? यह घटना इस बात का सूचन करती है, कि उस काल में वृक्षों को मानव का आतमीयजन माना जाता था ,और मानव की तरह उनकी खबर पूछी जाती थी |
शकुनतला जब वृक्षों को पानी पिलाती थी तब उसकी सखी अनुसूया उसें कहती है ' कणव का तुमसे जयादा इन वृक्षों पर प्रेम है इसीलिए तो तुझे इन वृक्षों को पानी पिलाने को कहा है " तब शकुंतला भावयुकत होकर कहती है,
' न केवल तातनिपोग एव |
असित में सोदर सनेहो ऽपयेतेषु || '
पिता जी की आज्ञा से मैं पानी पिलाती हूँ , एेसा नही है , इन वृक्षों पर मुझें सगे भाई जैसा प्रेम है, इसलिए पानी पिलाती हूँ |
शकुंतला जब ससुराल जाने को निकलती है तब महरषि कणव वृक्षों को उसें विदाई देने को कहतें हैः
पातुं न प्रथम वयवसयति जलं युषमासवपीतेषु या
नादतते प्रियमणडनापि भवतां सनेहेन या पललवम्|
आधे वः कुसुम प्रसूति समयें यसयाः भवतयुतसवः
सेयं याति शकुंतला पतिग्रहं सवेररनुज्ञाधयताम्||
तुमहें पिलानें से पहले जो पानी नही पीथी थी ,शृंगार पसंद है फिर भी तुमहारे प्रति प्रेम के कारण तुमहारा पता भी नही तोड़ती थी | तुमहारा प्रथम पुसप फूलनें के समय जिसें उतसव जैसा आनंद होता था | वह शकुंतला आज पति के घर जा रही है, उसें सभी आज्ञा दों |
अश्रतथ वृक्ष के औषधि युकत गुण और उसकी उपयुकतता धयान में लेकर हमारे पूवरजों नें समसत वृक्ष सुषिट के प्रतिनिधि के रूप के दरशन कियें है, और उसका सतवन गाया हैं,
मूलतों ब्रहयरूपाय मधयतों विषणुरूपिणें ||
अग्रतः शिवरूपाय अश्रतथाय नमों नमः||
भगवान श्रीकृषण ने भी ,पीपल मेरा ही रूप है ऐसा कहकर उसकी महता गायी हैं, अश्रतथः सवरवृक्षाणाम् |
हमारी सित्रयॉ वृक्षपूजन का व्रत रखती है, वटवृक्ष और पीपल की पूजा करती है उनहे जनेऊ पहनाती है यह कोई पागटपन नही है परनतु वृक्षों के साथ उनकी आतमीयता है वट सावित्री का व्रत करने वाली सत्री वट की पूजा करती है उससे अखंणड सौभागय की याचना करती है|
वटवृक्ष से वह जीवन की दृढ़ता मांगती है पति के लिए वटवृक्ष के समान दीरघायु और कुटुंब के लिए वटवृक्ष का सथैरय और विसतार मांगती है |
वृक्ष की जीवन ऋषितुलय है , दोपहर की चिलचिलाती धूप में वह खुद तपकर दूसरों को छाया देता है पतथर मारने वाले को वह मीठे फल देता है उसकी मृतयु के बाद भी उसकी लकड़ी उपयोग में आती है , जगत सें कुछ नही मांगता है इतना ही नही आभार की अपेक्षा भी नही रखता है अपनी जड़ जमीन की गहराई में ले जाकर वह अपनी खोराक सवंम प्रापत कर लेता है अपने पैरो पर खड़ा रहकर अनय की सेवा करने का यह वृक्ष का संदेश प्रतयेक समाज-सेवक को धयान में रखने जैसा है|
वृक्ष की तरह वनसपति के साथ भी हमारे पूरवजों ने आतमीय संबंध जोड़ा उसका पूजन किया , उससे दीरघायु ,यश ,बल, तेज , प्रज्ञा , पशु ,वैभव , तथा मेघा की मांग की |
आयुरवल घशों वचरः प्रज्ञा पशून वसूनि च|
ब्रहमय प्रज्ञा च मेधां च तवं नो देहि वनसपतें |
वनसपति के प्रतीक के रूप में तुलसी के पौधे को घर में रखकर उसका पूजन किया| सरदी या बुखार दूर करने के उसके आयुरवेदिक गुण को धयान में रखकर और बारह महीने की उसकी सुलभता देखकर घर के ऑगन में उसकी सथापना की प्रतयेक संसकारी कुटुंब में तुलसी की पूजा होती है भगवान की पूजा सें तुलसी को गौरवपूरण सथान मिला है भगवान की प्रिय सखी का मानपूरण सथान उसें प्रापत हुआ है,
तुलसि ! श्रीसखि शिवे पापधरिणि पुणयदे |
नमसतें नारदनुतें नमों नारायणप्रियें ||
भगवान को पतते प्रिय है कहकर विषणु पूजन में तुलसी को सथान दिया गया और शिवपूजन में बिलवपत्र का महतव गाया गया है , गणपति को दूरवा प्रिय है हमारे ऋषियों ने वृक्ष-वनसपति का तो पूजन किया है , परनतु घास के तृण के साथ भी आतमीयता साधी आदर युकत सनेहभाव किया और घास के प्रतिनिधि के रूप में पूरवा को उनहोने गणेशपूजन में प्रधानता दी |
चराचर सृषिट पर प्रेम करने की शिक्षा देनेवाली भारतीय संसकृति है , सरवत्र कृतज्ञता प्रकट करने वाली यह महान संसकृति है , उसकी अंतरातमा को परखने की जरूरत है हम भी वैसा भावपूरण अंतःकरण खिलाएं , मानवमात्र पर तो प्रेम करें ही साथ ही साथ हमारी भावना को इतना सीमित न रखकर पशुसृषिट पर और वृक्ष- वनसपति पर भी प्रेम करें तो यही नंदनवन निरमाण होगा|
१. नीम
२. साजा
३. धातूरा
४. बेर फल
५. नारियल
६. मैंगौ पतितयॉ
७. पान पतितयॉ
८. दशोंदा फूल
९. बारहमासी फूल
१०. बेल पतितयॉ
११. नींबू फल एवं पतितयॉ
१२. ऑवला पेड़ फल
१३. रूद्रकक्षा पेड़
Danger spider
1. Australian trapdoor spider A name sp
2. Sydney funnel web spider Atrax robustus.
3. Spanish funnel web spider Macrothele calpeiana.
4. Srilanka Ornamental Tarantula Poecilotheria fasciata.
5. Australian whistling Tarantula selenocosmia sp
6.Horned Baboon spider ceratogyrus darlingi.
7.Brown Recluse spider Laxosceles reclusa.
8. Violin spider loxosceles rufescens
9.woodlouse spider dysdera crocota.
10. Tube web spider segestria florentina
11. Celler spider steatoda grossa
12. False widow spider steatoda paykulianus
13. Black widow spider latrodectus mactans.
14. Red Back spider Latrodectus hassalti
15. Katipo Latrodectus katipo
16. Malmignatte Latrodectus tredecimguttatus
17. Brown widow spider Latrodectus geometricus
18. Yard spider Tegenaria agrestis
19. Brazilian wandering spider phoneutria nigriventer
20. Kenyan Hunting spider tenus sp
21. Giant Huntsman Holconia immanis
22. Burrowing scorpions opisthopthalmus carinatus
Bio spectrophotometer use as components
1. Phosphorus
2. DNA
3. HRA
4. Tannin
5. Protein
6. CL
7. Phenol
8. Chlorophyll
9. Carbohydrate .
Spider
1. Spider can have 360° angle of vision.
2. web spider is very strong in other silk material, female spider is very big size as well as Male spider a small size.
3. Fisher spider is " Nilus phipsoni " 1898 f.o. p- cambridge
4. Bird droppings spider is pasilobus
kotigeharus ,Tikader 1963
5. Social spider is Stegodyphus sarasinorum , karsch 1891
6.Ant mimic spider is Myrmarachne orientales, Tikader 1973
7. Large Crab spider is Heteropoda venatoria, linnaeus 1767
8. Poison spider is Indian Red back spider Latrodectus hasselti , family Theridiidae
9. Molting ( Exuvium) - old skin.
10. Zig-zag stabiliment of argiope and in between hub and spirals
Radic = dry
Spider for abdomen Adesive glands ( blue gland) spider web thread genetical - Sticky and Non sticky They found in species wise fixed.
11. Spider web habital Geometrically symmetrical web of opadometa.
12. Web with detritus of cyclosa.
13. Elliptical stabilimenta of cyclosa.
14. Disc stabilimenta of juvenile of Argiope.
15. Web of argiope, cyclosa, Nephila, Uloborus are sometimes decorated with thick silken structures called stabilimenta function of which is considered as a camouflage for the spider or mechanical stabilimenta of the web.
16. Polyphougus web made bullet proof jacket.
17.
Spider
Structure of the mouthparts
1. Labium.
2. Maxilla.
3. Basal part of chelicera.
4. Postcrior cheliceral tooth.
5. Anterior cheliceral tooth.
6. Fang.
Structure of the legparts
1. COXA
2. TROCHANTER
3. FEMUR
4. PATELLA
5.TIBIA
6.METATARSUS
7. TARSUS
8. CLAWS
Future projects article
1. Protein every where's - Nitrogen.
2. All things is circule goal like earth.
3. Human dependence on the trees relationship cercul for life.
4. Festival and Science.
5. Light is life without light you can't live without light nothing is visible, amazing for life.
6. Texonomy for mp and cg Forest plant but all over India field guide Forest plant and trees.
7. Research paper for sotha plant it is found in nearly rivers.
8. carbon, carbon is every where's so many people use in the very high amounts.
9. Grass type of grass land and what is grass and which type used in humans life.
10. What is roll of the cobalt in the human life and environment.
11. Flowers, what is roll of the flower in the human life and biological sciences.
12. How to same all energy sources in the world.
13. Kinds of the leaf in the world and what is used in the human life and other used.
14. Micro bio roll of the human and environment.
15. Oxygen Important.
16. JEONARA plant Research paper.
17. Oil and human life
18. Plant cutting .
19. Colour around the world without colour is not possible in the life.
20. Fruits type and kinds of the world.
21. Milky plant and tree latex
Like future milk research by me
पंछी की आवाज
`` पंछी की आवाज ``
6. में हूँ ,एक छोटी सी चिड़िया सभी के मन में खुसियालाना मेरा काम इसलिए में कहती हु , की ए ! मानव तुम करो ऐसा काम पेड़ -पोधो को पानी दो और मेरी प्यास बुझाओ तुम पानी दे कर ऐ इंसान हमेशा खुस रहोगे ऐ मानव तुम धरती माँ के पुत्रो का रखो हमेशा ख्याल।।
"कैसे कहूँ"
कैसे कहूँ, कि आज मैं बहुत खुश हूं,
धरती से लेकर अमबर तक सब हरे-भरे खुश हैं।
कैसे कहूँ....
धरती मैं आज चारों ओर खुशहाली हैं
कैसे कहूँ, धरती मैं हरियाली हैं।
कैसे कहूँ....
कैसे कहूँ, कि मेरा तन-मन डोलने वाला है,
तुम्हें पता भी है कि तुम्हारे प्रकृति के दुर्व्यवहार से मेरा तन
डोल रहा हैं कैसे कहूँ.....
कैसे कहूँ,कि आज मुझे दुख हो रहा है, जब तुम काटते हो
हरे-भरे पेड़ों को तो मेरा लहू निकलता है।
कैसे कहूँ......
कैसे कहूँ, कि मुझे गर्म महसूस हो रहा है, जैसे में रखा हूँ
गरम तवे में वैसा महसूस हो रहा है, कैसे कहूँ कि मुझे गरम महसूस हो रहा है।
कैसे कहूँ, कि मुझे अहसास न हो पाया, जब तुमने मुझे
बहुत दुख पहुंचाया, कैसे कहूँ, कैसे कहूँ।
कैसे कहूँ.....
कैसे कहूँ, कि जब तुम मुझ पर जब तांडव कर वन संपदा को नष्ट करते हों तो, मेरा खून खौलता है।
कैसे कहूँ.....
Saturday, 4 April 2020
कुलू
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ICFRE- Tropical Forest Research Institute (TFRI), Jabalpur
Tropical Forest Research Institute (TFRI), Jabalpur is one of the eight regional institutes under the Indian Council of Forestry Research ...
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●सबसे पुराना इंजन कौन-सा है— फेयरी क्वीन ● कुल केंद्रीय कर्मचारियों का कितना % भाग रेलवे में कार्यरत है— 40% ● भारत में कुल रेलमार्ग ...
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NCC Camp 2012 3 January 2012 को हमारी परीक्षा समाप्त हुआ था, तथा उसी शाम को में अपने घर आ गया था, क्योक...
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`` पंछी की आवाज `` 1. में हूँ ,एक छोटी सी चिड़िया उड़ना और दाना चुनना मेरी यही पहचान ...