Thursday, 7 May 2020

1 MP Signal Training एन.सी.सी कैम्प 2012

                        NCC Camp 20123 January 2012 को हमारी परीक्षा समाप्त हुआ था, तथा उसी शाम को में अपने घर आ गया था, क्योकि हॉस्टल में मैस की व्यवस्था मे रूकावट थी अतः मै घर आकर कुछ कम्पटीशन परीक्षा की तैयारी करने लगा तथा
घर मे रहकर पढ़ाई की तथा परीक्षा भी दी कुछ समय बाद मुझे हॉस्टल से फोन आया कि हॉस्टल आ जाओ तो मै हॉस्टल आने की कोशिश की तथा मै जिस दिन हॉस्टल आ रहा था, उसी दिन मुझे पता चला कि ३ फरवरी को NCC का Combined Annual training camp-11 का आयोजन था , तो मै सुबह जब यह आया तथा कैम्प की तैयारी करने लगा तथा कैम्प मे गया क्योकि मे कैम्प फार्म भी नही भर पाया था, लेकिन मैने कैम्प नही छोड़ा व कैम्प मे सामिल हो गया | इस प्रकार मे २०१२ के एन. सी. सी. कैम्प मे भाग लिया , जब हम वहॉ पहुचे तो सबसे पहले हमारा वहॉ पर इंटरी हुई इसके बाद हम उस सदर इरिया मे उपस्थित मिलिटरी ट्रेनिग सेंटर मे हमारा प्रवेश हुआ तथा वहॉ पर पूरा इलाका सैनिक क्षेत्र था , जहॉ पर उनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाती थी तथा वहॉ पर सैनिको की व्यवस्था बहुत ही सुन्दर थी , तथा वहाँ पर उनके व्दारा किए गए नियमो का पालन करना तो इतना अच्छा लग रहा था ,देखकर की हम उस दृश्य को भी भूल नही पाइगे ,जब हमारी पहली बार कैम्प मे हमने अपने आप को ढाला ढाला जो हमे बहुत अच्छा वहॉ पर सबसे पहले सुबह ५ बजे उठकर फ्रेश होकर तैयार होकर हमें फालेन होना पड़ता था, ६ बजे तथा इसके बाद रिपोर्ट देने के बाद हमे पीटी जूतो मे सुबह सुबह दौड़ाया करते थे , यह भी हमे बहुत अच्छा लगता था | 
 क्योकि यहॉ पर हमे सुबह सुबह घूमने मे बड़ा मजा आता था , क्योकि इस इलाके मे बहुत ही सुन्दर ऊधान था, जो सुबह सुबह हमारे मन को मोह लेता था, तथा हमे यहॉ पर उपस्थित गोल्फ के मैदान का आकर्षण भी करता था|
तथा सैनिको की ट्रेनिग सेन्टर भी बहुत सुन्दर था|
 जो हमारे को बहुत ही रोमांच उत्तपन कर रहा था, तथा हमे यह देखने का बहुत ही सुनहरा अवसर समय था , यह देख कर मै बहुत खुश हो रहा था, हमे सुबह उठ कर हमे पीटी परेड के लिए फाईल बनाने के बाद हमे नास्ता दिया जाता था, दोपहर का नास्ता इसके कुछ देर बाद हमे लंच कराया जाता था , फिर शाम को हमे शाकाहारी व माशाहारी भोजन के लिए अलग-अलग लाइन लगा कर खाना दिया जाता था, तथा टोकन माध्यम से भोजन मिलता था, जिसमे वे अलग -अलग भोजन प्राप्त कर सके तथा कभी-कभी हमे सुबह शाम विभिन्न प्रकार के भोजन व वस्तुए खाने को मिलता था यह बहुत अच्छा लगता था| सुबह पीटी करने के बाद हमे ड्रिल सिखाया जाता था , तथा उसके बाद NCC के उध्देश्य समझाया जाता था, तथा जीवन मे सफल जीवन जीने का रहस्य बताया जाता था , यह भी हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण विषय था , हम NCC कैम्प को कभी नही भूल पाईगे क्योकि यह हमे एक मंच प्रदान जो करता है , हमे बोलने की शक्ति प्रदान करता है , कि हम कि हम अपनी अभिवृत्ति प्रदान कर सके तथा हमे NCC ऑफीसर क्वाटर गार्ड की शिक्षा देते थे , तथा पायलट की भी शिक्षा देते थे
इस कैम्प मे बहुत बहुत दूर दूर से अलग-अलग यूनिटो से छात्र आये थे , जिसमे आर्मड ,आर्टी १ mp ४ तथा नैवी आदि यूनिट सामिल थी ,लेकिन यह कैम्प केवल १mp Signal कंपनी का था , हमारे हॉस्टल के पास मे शामिल ३ यूनिट से अर्थात साइंस कॉलेज जबलपुर से थे ,जिसमे हमे यह कैम्प मे बहुत फायदा हुआ, क्योकि यह कैम्प केवल सिगनल वालो का था , दूसरे दिन हमे NCC से जुडे पहलुओ का रहस्यो का उजागर किया , तथा हमे समय प्रबंधन का सही प्रक्रिया के बारे मे समझाया तथा उनमे से कुछ ने तो जनरल नॉलेज की बाते बताई जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था , यह बात भी हम नही भूल सकतें है|
कैम्प का मुख्य बात यह है कि यह हमे एकता अनुशासन , शिष्टतता सिखाती है , तथा कैम्प मे हमे समाज सेवा व देशप्रेम जागृत करती है तथा कैम्प मे हमे विभिन्न प्रकार के लोगो से मेल मिलाप का अवसर प्रदान करता है , तथा उनके बातो से हमे कुछ सीखने को मिलता है जो उनमे से कुछ अच्छी बाते करते,तथा कुछ तो बहुत ही अच्छी बाते करते है, तथा फिर हमे हथियारों की शिक्षा प्रदान की जो हमे यह अवसर केवल NCC ही प्रदान कर सकता है तथा हमे फिर एक दिन फायरिंग के लिए किसी सुरक्षित जगह ले जा कर हमे फायरिंग कराया गया था , जिसमे हमे सभी कैडितो को ५ गोलीयॉ प्रदान की किया गया था , अब पारी थी फायरिंग की जो टारगेट ज्ञात था , जब मेरी पारी आई तो मैने ५ गोलियॉ टारगेट पर निशाना लगाया था ,जिसमे 5 गोलियो मे ये 4 गोलियॉ मैने टारगेट मे निशाना लगा चुका था , यह भी मेरे लिए यह हर्ष का विषय बना हुआ था इसके बाद हमे फिर से 5 गोलियॉ फिर दी गई फिर से हमने टारगेट को निशाना लगाया , हम खड़े होकर टारगेट करना था तो फिर हम निशाना 2 गोलियो से ही लगा सके क्योकि लेट कर निशाना लगाना आसान होता है खड़े होकर लगाने की अपेक्षा , फिर एक सरदार जी ने 5 गोलियो से निशाना लगा कर फायिरंग कम्पीटीशन जीत गया, इसके बाद हमे फिर प्रसिध्द मंदिरो पर हमे घुमया गया , जो हमारे लिए अत्यन्त आनन्द का विषय था , तथा कुछ दिन फिर हमे डयूटी भी करनी पड़ी जो यह हमे बहुत ही अच्छा लगा, 
 हमारे जब NCC कैम्प था उस समय वहॉ पर एक सीनियर ने किसी भी हमारे बैच के छात्र को जब लिडिंग करता तब वह वहॉ पर एक वाक्य कहता था

" क्या हो रहा है, यहॉ पर "
बैंड बना दूंगाँ यहॉ पर "

यह वाक्य पूरे कैम्प मे छाया था तथा इसके साथ ही हमारे कैम्प मे एक अनादि नाम का एक दोस्त भी था जो वो भी छाया था क्योकि वह इतना मोटा था कि चल भी नही पाता था ठीक से व दौड़ भी नही सकता था , उसके कारण हमारे कैम्प मे मस्ती सी छायी थी , इसी के साथ वह बहुत ही व्यंग्य करता था जिससे हमारे सब के मन को विभोर कर देता था|
हमारे कैम्प मे हमे बहुत कुछ सीखने को मिला था , जो हम अब कभी भूल नही पाएगे , क्योकि ये हमारे जीवन के लिए अत्यन्त ही महत्वपूर्ण था|हमारा कैम्प बहुत ही अच्छा रहा और सफलता पूर्वक हमने कैम्प किया तथा उसका आनन्द लिया इस प्रकार हमने बहुत ही कुछ पाया इस कैम्प मे, मेरे अनुभव से तो सभी छात्र जीवन के छात्रो को NCC मे शामिल जरूर होना चाहिए मेरी आप सभी से कहना है |
 कुछ समय हमे वहॉ के सैनिको से हमे बाते करने का मौका भी मिला जिसमे था पश्चिम बंगाल का एक नौवजवान जिससे हमे बाते करके बहुत ही अच्छा लगा , उसने मुझे बंगाली मे कहॉ :- तुमे कैन अच्छू
अर्थात तुम कैसे हो तो उसका उत्तर हमने भालू अर्थात मै अच्छा हूँ कहा इसी प्रकार हमे यह यब सीखने को मिला | फिर हमे संग्रहालय ले गए तथा वहॉ पर हमने विभिन्न प्रकार के सीगनल के संचार के माध्यमो को देखने को मिला जो हमे अभी कही देखने को नही मिलेंगे वे वस्तुए भी देखा तथा वहॉ पर हमने जापान का झंडा को भी देखा जो भारत-जापान के युध्द दव्रारा लाया गया था, तथा पाकिस्तान का भी झंडा वहॉ हमने देखा जो कारगिल युध्द से जीत कर लाया गया था, तथा युध्द मे हुए विस्फोट बम के टुकड़े भी हमे वहॉ देखने को मिला था , यह हमारा बहुत ही अच्छा अवसर था तथा हमे ड्रिल के बाद हमे यह ड्रिल असानी से हमने यह बनने लगा , तथा वहॉ पर हमे खेलने का भी मौका मिलता था तथा इतने सारे लोगों के साथ हमे खेलने मे बहुत अच्छा लगता था , तथा कैम्प के लास्ट दिन की रात को भी कल्चर प्रोग्राम हुआ, जिसकी हमने तैयारी कैम्प के पांचने दिन से शुरू कर दी थी तथा यह प्रोग्राम सैनिक आडोटोरियम मे होना था लेकिन यह पहले से ही बुकिंग थी , इस कारण से यह कैम्प को सैनिक सेनिमा हाऊस मे कल्चर प्रोग्राम का आयोजन किया गया था , जो देखने मे अत्यन्त सुन्दर जगह थी जो हम इसका आनन्द भी उठाने का मौका मिला , इस प्रकार हमे यह कैम्प बहुत ही अच्छा रहा तथा हमने मिलजुल कर कैम्प का आन्नद उठाया जो हमे हमारे जीवन मे मददगार साबित हो सकता है , अतः इस प्रकार हमारा कैम्प सम्पन्न हो गया |




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