Friday, 1 May 2020

मेरी डायरी

आज में बहुत खुश नजर आ रहा था , कया मालूम लेकिन इतना मालूम था, कि आज ११/११/११ है , सायद इसलिए में खुश नजर आ रहा था | कयों नही आज का दिन ही ऐसा था कयों न खुश नजर आए|
आज मै बहुत खुश नजर आ रहा था , सुबह से ही मेरे सवाभाव मे खुशी की लहर मंडरा रही थी , मैने सुबह का समाचार पत्र पढ़ा तो मेरे मन में और भी नई अनूभूति हुई इसी के साथ ही मे सुबह-सुबह , ठंडे-ठंडे पानी से नहाया व तैयार होकर जब अंग्रेजी कक्षा के लिए काँलेज गया ,तो मेरे अंग्रेजी कक्षा के शिक्षक श्री के. के. शरमा सर ने तो हमे और भी उतसाहित कर दिया कयोकि वे हमें अपने जीवन के लिए कुछ कर गुजर जीने लायक लेकचर दिये | वह भी आज का दिन यादगार बन गया , और कालेज मे मैने अपने सेशनल भी दिया, तो वह भी मेरे अनुरूप गया , तथा मेरा सेशनल हो गया ,इसके बाद मे कॉलेज में पोरच में आया व वहॉ से दोसतो के साथ घूमते हुये ,और खूब मौज मसती करते हुए हम कॉलेज कैंपस से लेकर कई जगहो पर फोटो खिचवाया | इसके बाद हम हॉसटल आ गये |

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